समशान के बाहर लिखा था।


मंजिल तो तेरी यही थी,
बस जिंदगी गुजर गई आते आते,
क्या मिला तुझे इस दुनिया से,
अपनो ने ही जला दिया तुझे जाते जाते......



समशान के बाहर लिखा था।

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