बिकता है गम इश्क के बाज़ार में...

बिकता है गम इश्क के बाज़ार में,

लाखों दर्द छुपे होते हैं.

एक छोटे से इंकार में,

हो जाओ अगर ज़माने से दुखी,

तो स्वागत है हमारी दोस्ती के दरबार में.

बिकता है गम इश्क के बाज़ार में...



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